एक रोज राहत रहम कर गई
पर ......
विधि का चाहना कुछ ओर ही था |
सुना विंग में किसी बन्दे को बंदी मिल गई !
G.P.L फिक्स हो गई , अब बकरा हलाल होने वाला था ,
छुर्रियों पर धार तेज हो गई |
हमारे लिए तो G.P.L पर , बन्दे की दो रातों की नींद हराम हो गई |
हम तो थक कर थम गए
पर बन्दे की अब बारी थी , वह बोला........
मेरे अकेले की लेने को ये कैसी मारामारी थी ?
वह तो राह चलती कन्या थी |
जो लाइब्रेरी का पता पूंछ
थैंक्यू भय्या ! बोली थी |
हमें लगा ये तो बड़ी भूल हो गई
सय्यां पर जाती बात भय्या पर आ गई |
पर हम खुश थे |
चलो इसी बहाने N.C.C के जूतों की धूल झड गई |
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