निर्वाक-निनाद
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Sunday, 23 November 2014
बचपना
नई किताब के पन्नों में
खुशबू ढूंढा करते थे |
कुबेर ख़जाने सा मोरपंख संजोया करते थे |
उड़ते जहाज के गिरने का ख़्वाब पाला करते थे |
बचपन में परियों के सपने देखा करते थे ,
अब ख्वाबों में बचपन देखा करते हैं |
तरुणाई में अक्सर ,
हम बचपन याद किया करते हैं |
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