विचार हैं ,
मुद्दे हैं ,
नूतन है ,
पुरातन है ,
हास्य है ,
क्रन्दन है ,
उपमाएं हैं ,
अलंकार हैं ,
कर्ता है ,
कर्म है ,
कविता गायब है ,
मैं ढूंढ़ता हूँ उसे ,
मुद्दों ,अलंकारों ,नवरसों की भीड़ में |
वो ना दूर जाती है , ना पास आती है !!
बस ,दूर खड़ी कुछ बेतुके गीत गाती है |
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