?? ART WORK: BIPIN
कुछ खिड़कियाँ पीछे खुली होंगी ,
अतीत की तरफ भी |
भविष्य आँका होगा,
उनसे झांकते चेहरों ने भी !
मैं भी पीछे झांकता हूँ ,
वैसी ही खिडकियों से
कुछ चेहरे दिखते हैं ,
कोई भूत दिखता है |
डरकर...
पलटकर सामने देखता हूँ ,
तो कुछ चेहरे डर जाते है ,
पलट जाते हैं ,
मुझे देखकर भी !!
मैं भौंखला जाता हूँ ....
और उधेड़ता हूँ परतें
दंभ की ,घृणा की ,वहम की |
फिर ठहर जाता हूँ ,
शिथिल होकर ,
वर्तमान की तरह
कर्महीन ||
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