हवा हूँ तो क्या ?
महसूस तो करते हो ?
मेरे वेग को ,मेरी दिशा को !
धकेल सकती हूँ तुम्हे ,
विपरीत
तुम्हारी परिसीमाओं से बाहर |
बाँध सकती हूँ ,तुम्हे ,
तुम्हारी आजादी भी |
आखिर एक चिड़िया ही तो हो |
पिंजरे में कैद अतीत लिए हुए |
महसूस तो करते हो ?
मेरे वेग को ,मेरी दिशा को !
धकेल सकती हूँ तुम्हे ,
विपरीत
तुम्हारी परिसीमाओं से बाहर |
बाँध सकती हूँ ,तुम्हे ,
तुम्हारी आजादी भी |
आखिर एक चिड़िया ही तो हो |
पिंजरे में कैद अतीत लिए हुए |
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