हॉल 2 भोजनालय (mess)
एक रजनी सपने में ,
जिव्हा भिन्न व्यंजनों का स्वाद ले रही थी |
किसी ने दस्तक दी बोला ,
तेरे दर पर मौला आया है |
हमने कहा छोड़ यार बिस्तर छोड़ने का मन नहीं
अभी छौला - भटूरा खाया है |
फिर याद आया ........
अरे ! मैं छात्रावास द्वितीय का छात्र हूँ |
जहाँ भटूरे मे तेल तला जाता है |
दाल में जीरा होता है ,पर काला कुछ ज्यादा होता है |
यहाँ हर दिन आलू जिंदाबाद,
हमें सेहत की फ़िक्र नहीं यारों
पर आलू भी क्यों करते हो बर्बाद |
अलार्म बजता है ......
अब सोने क्लास में जाना है ,
पर जरा संभल के राह में हॉल 2 मेस पड़ता है |
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