Sunday, 15 September 2019

सभ्यताओं का इतिहास

फिर धुआँ निकल रहा है
जल रही हैं कारखानों से सटी बस्तियां
संग चिताएं भी
आओ ,
देखो सब मिलकर
जलती सभ्यताओं को ,बनते इतिहास को
तालियाँ पीटकर हँसते काल  को

राख पर बना,
ये लहूलुहान इतिहास भी जलेगा
फिर बनेगा
फिर जलेगा , बनेगा
सिर्फ काल होगा
और हाँ !! चीखें भी
शाश्वत ||

(2017)

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