फिर धुआँ निकल रहा है
जल रही हैं कारखानों से सटी बस्तियां
संग चिताएं भी
आओ ,
देखो सब मिलकर
जलती सभ्यताओं को ,बनते इतिहास को
तालियाँ पीटकर हँसते काल को
राख पर बना,
ये लहूलुहान इतिहास भी जलेगा
फिर बनेगा
फिर जलेगा , बनेगा
सिर्फ काल होगा
और हाँ !! चीखें भी
शाश्वत ||
(2017)
जल रही हैं कारखानों से सटी बस्तियां
संग चिताएं भी
आओ ,
देखो सब मिलकर
जलती सभ्यताओं को ,बनते इतिहास को
तालियाँ पीटकर हँसते काल को
राख पर बना,
ये लहूलुहान इतिहास भी जलेगा
फिर बनेगा
फिर जलेगा , बनेगा
सिर्फ काल होगा
और हाँ !! चीखें भी
शाश्वत ||
(2017)
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