हैवान, हाला, हवस सब आसमान से उतर आये थे
उन्ही रस्सियों के सहारे जो देव जन्नत छोड़ आये थे
पच्छिम का वह प्रभात मैंने देखा था
इंसान जब हैवानो सा दौड़ा था
ख़ुदा इंसानों कि बस्ती से भाग रहा था
कहते हैं उस वक्त इंसान जाग रहा था
ख़ुदा और उसका डर अब कहावतें थी
हर घर उस दिन ईद की दावतें थी
शराब के घड़ों से इंसानियत बहे जाती थी
सागर सब लबालब थे उससे
चाँद पर बैठी बुढिया ये बात कहे जाती थी
सब घेर खड़े हैं उसे , ख़ुदा बेड़ियों में जकड़ा है
इंसान कहता मैंने पकड़ा , हैवान कहते हमने पकड़ा है
चाँद वाली अम्मा कहती है..
ख़ुदा कुछ बोलना चाहता है
तभी तेज आवाज में मौलवी अजान गाता है
बस्ती में एक और इंसान जागता है |
उन्ही रस्सियों के सहारे जो देव जन्नत छोड़ आये थे
पच्छिम का वह प्रभात मैंने देखा था
इंसान जब हैवानो सा दौड़ा था
ख़ुदा इंसानों कि बस्ती से भाग रहा था
कहते हैं उस वक्त इंसान जाग रहा था
ख़ुदा और उसका डर अब कहावतें थी
हर घर उस दिन ईद की दावतें थी
शराब के घड़ों से इंसानियत बहे जाती थी
सागर सब लबालब थे उससे
चाँद पर बैठी बुढिया ये बात कहे जाती थी
सब घेर खड़े हैं उसे , ख़ुदा बेड़ियों में जकड़ा है
इंसान कहता मैंने पकड़ा , हैवान कहते हमने पकड़ा है
चाँद वाली अम्मा कहती है..
ख़ुदा कुछ बोलना चाहता है
तभी तेज आवाज में मौलवी अजान गाता है
बस्ती में एक और इंसान जागता है |
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