गुणवत्ता से समझोता नही साब
घटिया ईमान बेचकर प्रतिष्ठा ना करानी ख़राब
डिमांड सप्लाई का लोचा है
इसीलिए पहले आपका सोचा है
दोपहर तक सूरज माथे चढ़ जायेगा
अभी ले लो साब, फिर भाव और बढ़ जायेगा
ये सज्जन तोलकर ईमानदारी बेच रहा था ..
ना ठगो हमें ..
हम अपने अधिकार जानते हैं
डिजिटल इंडिया का जमाना है
हर सरकारी योजना, सकल अर्थशास्त्र पहचानते हैं
साब लेना है तो लो अब थोड़ी ही बची है ...
ईमानदारी चीज़ ही एसी है ,
कालाबाजारी में भी खलबली मची है
ठीक है हम जरा गंगा हो आते हैं
पाप धो, तुम्हे निपटाते हैं
अरे सर ये घोर अपराध न करना
क्लीन गंगा चल रहा है ,
पाप उधर ना धोना ...
हमने फ्रंट पेज पर समाचार दिया है
कल ही गंगा का गोमूत्र से उपचार किया है
गोमूत्र से याद आया
कोई उचित मूल्य की गाय बताओ
भैंस ले लो साब , गाय दूध कम देती है
दूध क्यों !! जब गोमूत्र से दुनिया चलती है .....
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