वो देख,
कोई दरिंदा घात लगाये बैठा है
बच कर निकल |
नोच लेगा ,
जंगली जानवर है |
शिकार भी नही कर पाएंगे हम ,
सरकारी घेरे में पला है |
सहानुभूति मिलेगी ,
ज्यादा उम्मीद मत करना
गरीब देश में रहता हूँ |
श्रद्धांजली भी देंगे ,
वो भी डाक्यूमेंट्री बनाकर,
पर रोक ना पायेंगे उनको
कानून का चोला मजबूत है
मेरी छुर्री से |
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