तुम जलकर राख हो जाते हो
हम जलकर धुआं हो जाते हैं
ख़ुदा की रहमत भी उन पर है अ-दोस्त
जो आग लगाकर रहनुमा हो जाते हैं
अपना दिल महफ़ूज ना रख पाए
मेरा दिल चुराने की बात करते हो ?
अपना आंगन उजाड़ आये
ग़ैरों का संवारने कि बात करते हो ?
मुझे मिटाने का इरादा है ?
तुम ही काफी थे
पूरा शमशान क्यों लाये हो ?
हम जलकर धुआं हो जाते हैं
ख़ुदा की रहमत भी उन पर है अ-दोस्त
जो आग लगाकर रहनुमा हो जाते हैं
अपना दिल महफ़ूज ना रख पाए
मेरा दिल चुराने की बात करते हो ?
अपना आंगन उजाड़ आये
ग़ैरों का संवारने कि बात करते हो ?
मुझे मिटाने का इरादा है ?
तुम ही काफी थे
पूरा शमशान क्यों लाये हो ?