निर्वाक-निनाद
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Saturday, 9 February 2019
यार
मेरी आँखों की रोशनी जा रही है
कोई चराग़ तो जलाओ
मेरे कुछ यार खो गए हैं इस मेले में
जरा कोई आवाज तो लगाओ ।।
वो मरे नही हैं
वो बहरे भी नही हैं
डूब जाएं मेरे यार कहीं
सागर इतने गहरे भी नही हैं।।
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