Thursday, 12 July 2018


  वह आखिरी पन्ना जो खाली है ,
 जिस पर मैं कविता लिखता हूँ |
 मेरी बुनियाद उस आखिरी पन्ने से शुरू होती है
उससे पहले सारे पन्ने किसी और ने लिखे हैं
 मुझे सिर्फ एक पन्ना मिलता है ,
 आखिरी पन्ना मिलता है |
तुम चाहते हो मैं उसमे रंग भरूं
मैं चाहता हूँ कविता लिखूं
और मैं लिखता हूँ
बेजोड़ लिखता हूँ
उसी आखिरी पन्ने पर ,
जिसे युगों से टाला जा रहा है
या रंग भरा जा रहा है |
ये वही आखिरी पन्ना है ,
जो हवा चलने पर सबसे ज्यादा छटपटाता है
मानो मुक्ति चाहता हो
वेदों के इन्ही आखिरी पन्नों  में वेदान्ता लिखा जाता है

वह आखिरी पन्ना खत्म हो जाता है
किताब को पलटकर रख दिया गया है
आखिरी पन्ना फिर से दबा दिया जाता है

मैं फिर से नई किताब खोजूंगा
एक और आखिरी पन्ना ढूंढुंगा
मैं यह तब तक करता रहूँगा ,
जब तक मैं अपने आखिरी पन्नों कि एक किताब नहीं बना लेता
और इस किताब में कोई आखिरी पन्ना नहीं होगा ||