1-4-2019
स सूं प्यारी रांखी,
तू गलो दियो मेरो घोट
के कारण छोड़ी ये गजबण
कांई मुझ मं खोट ||
दिन उगतां भारी काड़ी
छिपतां पोया रोट
तू सारी भकत चिलम म काड़ दी
खेतां म गळगा मक्का मूंग मोठ
इं कारण छोड़ी र बालमा
यो ही तुझ म खोट ||
चिलम मेरी ना छुट ली बैरण
खै द्यूं डंका की चोट
सागे बैठ र चिलम पिस्यां
सागे काट स्यां गैडा कि एक पोट ||
(कोना मानी अर पीर चली गी | मोट्यार भी हठ को पाको र मुछ को बांको | जा ख च कुआ क माय पड़ )
12 साल बाद
घर सूनो वह्गो , सूनी वह्गी गुवाड़ी
अब तो आ जाए बैरण ,
हरी वह्गी तैलां खेतां कि बाड़ी ||
अर खच चल्यो जा .....
ना तो ले पाटी खटवा कि सो जाऊं ली
इं बियाबान जंगल म घाल धूंणों
मैं भी मीरां हो जाऊंली ||
टाबर होगा ब्याह आला
मीरां होयां कयां पार पडली
बिन सासू का इ घर म
भू कयां आर बडली ||
चिलम छोड़ दे , हुक्का न फोड़ दे
बारा बीघा का एकलो नाका मोड़ दे
जद चाल स्यूं ढोला ,
अर ना तो लुगाई कि उम्मीद छोड़ दे ||
तेरी सारी बातां मानगो
माड़ो तो कोना छो मोट्यार म
पर त्रिया हठ क आग हारगो ||
{ भगवान जादिम को सडोतो
दादो मेरो नानगो
अर माड़ो तो कोना छो मोट्यार म
पर त्रिया हठ क आग हारगो || }
25-11-2017
बारा मर गा ,चड़स डूबगी
भाण या क्यां थारी भी किस्मत फूटगी
राजवाडा को राज गयो ,बडबोरां का बोर
मेघ रूंस गा रूंख सूख गा
कुण पर चाल ये मायड म्हारो जोर | |
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खाटा का बाण टूटगा
हाळया का हल छूटगा
डूंगर ढाता बां जोधा का बळ टूटगा ||
ज्यो ज्यो घरां न छो सब जीम ल्यो
बेगी आगी टेम सावा की
अर बेगा सा अ देव उठ गा ||