Friday, 25 August 2017

हरियाणा को फूंकने वाले लोगों को यदि कश्मीरी युवाओं कि याद दिलाई जाये तो यही लोग देशभक्त बन जाते हैं | इस दौरान ये लोग भूल जाते हैं कि देश भोगोलिक परिसीमाओं से नहीं वहाँ रह रहे नागरिकों से बनता है | कश्मीरियों के बिना कश्मीर जीतना वैसा ही है जैसा राम रहीम के समर्थकों का देशभक्त होना | जब एक देश अर्थात् उसके नागरिक अपनी आलोचना पर गौर करना बंद कर देते हैं तो इन परिस्तिथियों का आना स्वभाविक है | कल तक ये ही लोग कश्मीर जलाकर अपनी देशभक्ति सिद्ध करना चाह रहे होंगे और आज वो यही हरयाणा-पंजाब जलाकर कर रहे हैं | जब तक देश एसे लोगों से मिलकर बना है जो अपने खिलाफ कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं, तब तक इस देश में जाति-धर्म के नाम पर राजनीती को अनुचित ठहराना मूर्खता होगी |

तुम जलकर राख हो जाते हो
हम जलकर धुआं हो जाते हैं
ख़ुदा कि रहमत भी उन पर है अ-दोस्त ,
जो आग लगाकर रहनुमा हो जाते हैं